अफताब का अब होगा नार्को टेस्ट
श्रधा हत्या कांड मामले मे कोर्ट ने अफताब का नार्को टेस्ट करने की मंजूरी दे दी है।
नार्को टेस्ट से बहुत सारे खुलासे होने बाकी है, श्रधा हत्याकांड का। वैसे लगातार पुलिस का छान बिन चल रहा है और एक के बाद एक चौकाने वाले खुलासे हो रहे है। लेकिन पुलिस को उम्मीद है कि, अफताब का नार्को टेस्ट के बाद श्रधा हत्याकांड मे और भी खुलासे होंगे।
क्या है नार्को टेस्ट?
नार्को टेस्ट किसी भी वयक्ति पे सच्चाई का पता लगाने के लिए किया जाता है।
किसी भी वयक्ति का नार्को टेस्ट के दौरान उसके मस्तिष्क को संज्ञाशून्य बना दिया जाता है। इस टेस्ट के दौरान उस वयक्ति का मस्तिष्क की तरंगों और बल्ड प्रेशर को रिकॉर्ड किया जाता है। नार्को टेस्ट करने के लिए कई तकनीकों, शूइ और दवाइयों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
नार्को टेस्ट करवाने का क्या प्रक्रिया है?
सबसे पहले तो आपको बता दे की किसी भी आरोपी पे पुलिस नार्को टेस्ट नही करवा सकती है, नार्को टेस्ट के लिए आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत चाहिए। किसी ठोस सबूत के बाद भी पुलिस बिना कोर्ट के अनुमती के नार्को टेस्ट नही करवा सकती है। आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत को कोर्ट मे पेशी के बाद जब कोर्ट पुलिस कोई इस टेस्ट को करवाने की मंजूरी के बाद पुलिस किसी आरोपी का नार्को टेस्ट करवा सकती है।
आखिर नार्को टेस्ट से आरोपी सच क्यों बोलता ही।
नार्को टेस्ट के उपरांत पुलिस आरोपी पे 3rd डिग्री का इस्तेमाल करती है इसके बाद इंजेक्शन, दवाईयां और भी तकनीक का इस्तेमाल कर पुलिस आरोपी को अर्धबेहोशि की हालत मे ला देता है, आरोपी न ही पूरे होश मे रहता है न ही पूरे बेहोश रहता है। इस स्तिथि मे आरोपी को जो कुछ भी पूछा जाता है सबकुछ सही सही बताता है।, क्योंकि इस स्तिथि मे आरोपी को मन गढंत बाते करने की छमता नही होती है।


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